Kashi Vishwanath Mandir History

काशी विश्वनाथ मंदिर का इतिहास  (Kashi Vishwanath Mandir History )

Kashi Vishwanath Mandir History भारत के सबसे पवित्र और प्राचीन मंदिरों में से एक है, जो उत्तर प्रदेश राज्य के वाराणसी (पूर्व में बनारस या काशी) शहर में स्थित है। यह मंदिर भगवान शिव को समर्पित है और बारह ज्योतिर्लिंगों में से एक के रूप में पूजा जाता है। इसका धार्मिक, ऐतिहासिक और सांस्कृतिक महत्व अत्यंत विशाल है, और यह मंदिर लाखों श्रद्धालुओं, पर्यटकों और साधकों का केंद्र रहा है। History Of Meenakshi Amman Temple

काशी, जिसे ‘मोक्ष नगरी’ कहा जाता है, हिंदू धर्म में सबसे पवित्र नगर माना जाता है। ऐसा विश्वास है कि यह नगर स्वयं भगवान शिव द्वारा स्थापित किया गया है और यहां मृत्यु को प्राप्त करने से सीधे मोक्ष की प्राप्ति होती है। इसी नगरी के केंद्र में स्थित है ‘काशी विश्वनाथ मंदिर’, जो आदि काल से लेकर आज तक श्रद्धा, भक्ति और शक्ति का प्रतीक बना हुआ है।

प्राचीन इतिहास
Kashi Temple का उल्लेख स्कंद पुराण, शिव पुराण और अन्य प्राचीन ग्रंथों में मिलता है। माना जाता है कि इस मंदिर का मूल निर्माण हजारों वर्ष पहले हुआ था। हालांकि इस मंदिर को कई बार विदेशी आक्रमणों में ध्वस्त किया गया और पुनर्निर्मित किया गया, लेकिन इसकी महिमा और आस्था कभी कम नहीं हुई।

प्राचीन काल में जब आदिशंकराचार्य ने भारत में सनातन धर्म के पुनरुद्धार का कार्य किया था, तब उन्होंने काशी को अत्यंत महत्वपूर्ण धार्मिक केंद्र बताया। उन्होंने इस क्षेत्र में अनेक मठों और मंदिरों की स्थापना की, जिनमें विश्वनाथ मंदिर भी प्रमुख था। स्कंद पुराण के काशी खंड में वर्णित है कि स्वयं भगवान शिव काशी में निवास करते हैं और वह विश्व के स्वामी हैं, इसलिए उन्हें ‘विश्वनाथ’ कहा गया है।

Kashi Vishwanath Mandir History मध्यकालीन इतिहास
मुगल काल में काशी विश्वनाथ मंदिर कई बार आक्रमणों का शिकार हुआ। सबसे बड़ा ध्वंस 1669 ईस्वी में मुगल सम्राट औरंगज़ेब के आदेश पर हुआ, जब उसने मंदिर को तोड़ कर उसकी जगह ज्ञानवापी मस्जिद बनवा दी। हालांकि, मंदिर के मूल गर्भगृह के कुछ अवशेष आज भी ज्ञानवापी परिसर में देखे जा सकते हैं। ऐसा माना जाता है कि मंदिर का शिवलिंग सुरक्षित रूप से एक कुएं में छिपा दिया गया था जिसे आज ‘ज्ञानवापी कुआं’ कहा जाता है।

इसके बाद भी हिंदुओं ने मंदिर को पुनः स्थापित करने के प्रयास जारी रखे। औरंगज़ेब के बाद मराठा शासकों, विशेषकर अहिल्याबाई होलकर ने मंदिर के पुनर्निर्माण में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। 1780 ईस्वी में इंदौर की रानी अहिल्याबाई होलकर ने वर्तमान मंदिर का निर्माण कराया। उन्होंने एक भव्य शिवलिंग की स्थापना की और मंदिर को एक बार फिर भक्तों के लिए खोला।

आधुनिक काल
19वीं और 20वीं शताब्दी में काशी विश्वनाथ मंदिर का और भी विकास हुआ। कई राजा-महाराजाओं, विशेषकर पंजाब केसरी महाराजा रणजीत सिंह ने इस मंदिर को स्वर्ण शिखर और स्वर्ण कलश प्रदान किए। उन्होंने लगभग 1 टन से अधिक शुद्ध सोना दान में दिया जिससे मंदिर का शिखर आज भी स्वर्णिम आभा लिए चमकता है।

आज यह मंदिर उत्तर प्रदेश सरकार और श्री kashi vishwanath ट्रस्ट के अधीन संचालित होता है। 2021 में भारत सरकार ने ‘kashi vishwanath dham कॉरिडोर’ का निर्माण कराया जो मंदिर परिसर को गंगा घाट से जोड़ता है। यह परियोजना न केवल तीर्थयात्रियों के लिए सुविधाजनक है बल्कि इसने मंदिर की भव्यता को और अधिक बढ़ा दिया है।

Kashi Vishwanath Mandir का धार्मिक महत्व

Kashi Vishwanath Mandir History शिवभक्तों के लिए अत्यंत पावन स्थल है। यहाँ प्रतिदिन हजारों श्रद्धालु दर्शन के लिए आते हैं। महाशिवरात्रि और श्रावण मास में मंदिर में विशेष भीड़ होती है। ऐसी मान्यता है कि जो भी भक्त सच्चे मन से विश्वनाथ के दर्शन करता है और गंगा स्नान करता है, उसे मोक्ष की प्राप्ति होती है। शिवलिंग पर बेलपत्र, दूध, जल और भस्म अर्पित करने की परंपरा यहाँ सदियों से चलती आ रही है।

इस मंदिर का विशेष महत्व इसलिए भी है क्योंकि इसे ‘मुक्तिक्षेत्र’ माना गया है – यानी ऐसा स्थान जहाँ मृत्यु स्वयं मोक्ष का द्वार है। ऐसा कहा जाता है कि भगवान शिव स्वयं मृत्यु के समय भक्तों के कान में तारक मंत्र (ॐ नमः शिवाय) का उच्चारण करते हैं।

वास्तुकला और संरचना
मंदिर नागर शैली में बना हुआ है। इसकी तीन प्रमुख गुंबदें हैं जिनमें से दो पर सोना चढ़ा हुआ है। मंदिर परिसर में कई छोटे-बड़े मंदिर हैं, जैसे कि काल भैरव, माता अन्नपूर्णा, गणेश, और कार्तिकेय मंदिर। गर्भगृह में स्थित शिवलिंग लगभग 60 सेंटीमीटर लंबा और 90 सेंटीमीटर व्यास वाला है। भक्तगण इसे जल, दूध, भस्म, चंदन और फूल अर्पित करते हैं।

काशी विश्वनाथ धाम (Kashi Vishwanath Dham)
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में वर्ष 2021 में ‘काशी विश्वनाथ धाम कॉरिडोर’ परियोजना का उद्घाटन हुआ। इस परियोजना के अंतर्गत मंदिर का परिसर विस्तारित किया गया और गंगा नदी से सीधा संपर्क स्थापित किया गया। कॉरिडोर में सुंदर पथ, फव्वारे, पवित्र जलकुंड, संग्रहालय, सुविधाएं और सुगम प्रवेश द्वार का निर्माण हुआ है। इस योजना ने विश्वनाथ मंदिर को एक नई भव्यता प्रदान की है और वाराणसी को एक वैश्विक धार्मिक पर्यटन केंद्र के रूप में उभारा है।

वाराणसी के बारे में विशेष बातें  What Is Special About Varanasi

Kashi Vishwanath Mandir भगवान शिव को समर्पित सबसे प्रसिद्ध हिंदू मंदिरों में से एक है। यह भारत के उत्तर प्रदेश के वाराणसी में स्थित है। यह मंदिर पवित्र नदी गंगा के पश्चिमी तट पर स्थित है और इसे बारह ज्योतिर्लिंगों में से एक माना जाता है, जो शिव मंदिरों में सबसे पवित्र है। मुख्य देवता को विश्वनाथ या विश्वेश्वर कहा जाता है, जिसका अर्थ है ब्रह्मांड का शासक।

वाराणसी (काशी या बनारस) भारत के उत्तर प्रदेश राज्य में स्थित एक अत्यंत प्राचीन और धार्मिक नगर है। इसे दुनिया के सबसे पुराने जीवित शहरों में से एक माना जाता है।

Kashi Vishwanath Mandir History की विशेषताएं

आध्यात्मिक महत्त्व: वाराणसी को भगवान शिव की नगरी कहा जाता है। यहाँ आकर लोग मोक्ष (मुक्ति) की प्राप्ति की कामना करते हैं।

गंगा नदी- पवित्र गंगा नदी इस शहर से होकर बहती है। घाटों पर स्नान करना धार्मिक रूप से अत्यंत शुभ माना जाता है।
घाट- वाराणसी में लगभग 80 से अधिक घाट हैं। प्रमुख घाटों में दशाश्वमेध घाट, मणिकर्णिका घाट (श्मशान घाट), और अस्सी घाट प्रमुख हैं।
गंगा आरती- शाम को दशाश्वमेध घाट पर होने वाली भव्य गंगा आरती पर्यटकों और श्रद्धालुओं के लिए एक अविस्मरणीय अनुभव होता है।
काशी विश्वनाथ मंदिर- यह varanasi temple भगवान शिव को समर्पित है और हिंदुओं के 12 ज्योतिर्लिंगों में से एक है।
संस्कृति और संगीत- वाराणसी भारतीय शास्त्रीय संगीत, नृत्य, और कला का प्रमुख केंद्र रहा है। बनारस घराना विश्व प्रसिद्ध है।
शिक्षा का केंद्र- वाराणसी में स्थित काशी हिन्दू विश्वविद्यालय (BHU) भारत के सबसे प्रतिष्ठित विश्वविद्यालयों में से एक है।
व्यंजन- बनारसी पान, कचौड़ी, टमाटर चाट, और लस्सी यहाँ के प्रसिद्ध व्यंजन हैं।
हथकरघा और बनारसी साड़ी- यहाँ की बनारसी साड़ियाँ दुनियाभर में अपनी बारीक कढ़ाई और रेशमी कपड़े के लिए जानी जाती हैं।

संक्षेप में, वाराणसी एक ऐसा शहर है जहाँ धर्म, संस्कृति, इतिहास और आस्था एक साथ जीवन का हिस्सा बन जाते हैं। यह न केवल हिंदुओं के लिए पवित्र स्थल है, बल्कि दुनियाभर के लोगों को अपनी आध्यात्मिकता और सांस्कृतिक धरोहर से आकर्षित करता है।

Varanasi Which State And District
राणसी भारत के उत्तर प्रदेश (Uttar Pradesh) राज्य में स्थित है। यह स्वयं एक जिला (District) भी है।

राज्य- उत्तर प्रदेश
जिला- वाराणसी जिला
मुख्यालय- वाराणसी नगर
वाराणसी न केवल उत्तर प्रदेश का प्रमुख धार्मिक और सांस्कृतिक केंद्र है, बल्कि यह प्रशासनिक रूप से भी एक स्वतंत्र जिला है।

Hotel In Sarnath Varanasi
सारनाथ, वाराणसी में ठहरने के लिए कई अच्छे होटल उपलब्ध हैं जो विभिन्न बजट और सुविधाओं के अनुसार उपयुक्त हैं। यहाँ कुछ प्रमुख होटलों की जानकारी दी गई है:

सारनाथ, वाराणसी के प्रमुख होटल
1. Hotel SGT Plaza
स्थान- सारनाथ से 2 मिनट की पैदल दूरी पर।
विशेषताएँ- स्पा सुविधाएँ, 24 घंटे फ्रंट डेस्क, शांत वातावरण।

2. The Fern Residency Sarnath
स्थान- आशापुर चौराहा, पांडेपुर-सारनाथ रोड।
विशेषताएँ- आधुनिक सुविधाएँ, निःशुल्क वाई-फाई, रेस्टोरेंट।

3. Hotel Buddha Theme Park
स्थान- सारनाथ क्षेत्र में स्थित।
विशेषताएँ- शांत वातावरण, बौद्ध थीम पर आधारित सजावट।

4. Hotel O Anushka P Guest House
स्थान- रामापुरा, लक्सा।
विशेषताएँ- बजट में अच्छा विकल्प, घरेलू वातावरण।

Kashi Vishwanath Mandir History सुझाव

बुकिंग से पहले- होटल की रेटिंग, समीक्षाएँ और सुविधाओं की जांच अवश्य करें।
ऑफर्स- विभिन्न बुकिंग प्लेटफॉर्म्स जैसे MakeMyTrip, OYO, FabHotels पर छूट और ऑफर्स की जानकारी लें।
स्थान- सारनाथ के प्रमुख दर्शनीय स्थलों के निकट होटल चुनना सुविधाजनक रहेगा।

Kashi Vishwanath Temple Ticket Price
काशी विश्वनाथ मंदिर, वाराणसी में दर्शन और विशेष आरती के लिए विभिन्न प्रकार के टिकट उपलब्ध हैं। नीचे प्रमुख आरती और दर्शन के टिकट मूल्य और समय दिए गए हैं:

दर्शन और आरती के टिकट मूल्य
सेवा / आरती का नाम समय टिकट मूल्य (₹)
सुगम दर्शन (VIP / स्पर्श दर्शन) सुबह 6:00 से शाम 6:00 ₹300
मंगला आरती (सामान्य दिन) सुबह 3:00 से 4:00 ₹500
मंगला आरती (श्रावण सोमवार) सुबह 3:00 से 4:00 ₹1200
मंगला आरती (श्रावण माह अन्य दिन) सुबह 3:00 से 4:00 ₹600
मंगला आरती (महाशिवरात्रि) सुबह 3:00 से 4:00 ₹300
मध्याह्न भोग आरती सुबह 11:15 से दोपहर 12:20 ₹300
सप्तऋषि आरती शाम 7:00 से 8:15 ₹300
श्रृंगार / भोग आरती रात 9:00 से 10:15 ₹300
रात्रि शयन आरती रात 10:30 से 11:00 निःशुल्क

Kashi Vishwanath Mandir History महत्वपूर्ण जानकारी

सामान्य दर्शन: सुबह 4:00 से 11:00 तक निःशुल्क उपलब्ध है।
12 वर्ष से कम उम्र के बच्चों के लिए सभी सेवाएं निःशुल्क हैं।
सुगम दर्शन के लिए टिकट की कीमत ₹300 है, जो भीड़ से बचने और शीघ्र दर्शन के लिए उपयुक्त है।
विशेष अवसरों (जैसे श्रावण मास, महाशिवरात्रि) पर आरती के टिकट मूल्य में वृद्धि हो सकती है।

काशी विश्वनाथ मंदिर के दर्शन का समय (Kashi Vishwanath Mandir Timing)

काशी विश्वनाथ मंदिर, वाराणसी का एक प्रमुख धार्मिक स्थल है और यहाँ प्रतिदिन हजारों श्रद्धालु भगवान शिव के दर्शन के लिए आते हैं।

दर्शन (भक्तों के लिए) समय:
प्रातकाल- सुबह 3:00 बजे से सुबह 11:00 बजे तक
दोपहर- दोपहर 12:00 बजे से दोपहर 7:00 बजे तक
रात्रि: रात 8:30 बजे से रात 9:00 बजे तक

Varanasi Temple की आरती के समय:
मंगल आरती – सुबह 3:00 बजे
भोग आरती – दोपहर 11:15 बजे
संध्या आरती – शाम 7:00 बजे
शृंगार आरती – रात 9:00 बजे
शयन आरती – रात 10:30 बजे

नोट: आरती में भाग लेने के लिए पहले से ऑनलाइन या मंदिर काउंटर से विशेष अनुमति/टिकट लेनी होती है।

Kashi Vishwanath Mandir History न केवल एक धार्मिक स्थल है, बल्कि यह भारत की आत्मा और सनातन संस्कृति का प्रतीक है। इस मंदिर ने समय की हर कसौटी को पार किया है — मुगलों के हमलों से लेकर आधुनिक युग की चुनौतियों तक। यह मंदिर आज भी उतनी ही श्रद्धा और भक्ति से पूजा जाता है जितना प्राचीन काल में किया जाता था। काशी विश्वनाथ न केवल काशी के, बल्कि पूरे ब्रह्मांड के स्वामी हैं। यहाँ की गंगा, घाट और गलियाँ इस बात की गवाही देती हैं कि श्रद्धा, आस्था और संस्कृति की जड़ें कितनी गहरी हो सकती हैं।

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