Motivational Story In Hindi

  प्रेरणादायक कहानी — “अधूरी उड़ान” (Motivational Story In Hindi)

राहुल एक छोटे से गाँव में रहने वाला एक सामान्य किसान का बेटा था। उसके पिता दिन-रात खेतों में मेहनत करते, ताकि उनके चार बच्चों का पेट भर सके। राहुल बचपन से ही पढ़ाई में तेज था, लेकिन संसाधनों की कमी के कारण उसे कई बार पुराने फटे-पुराने किताबों से काम चलाना पड़ता था। गाँव के सरकारी स्कूल में पढ़ते-पढ़ते राहुल ने कक्षा दसवीं में टॉप किया, और पूरे गाँव में उसका नाम हो गया। लोगों ने कहा, “यह लड़का बड़ा अफसर बनेगा।” लेकिन जैसे-जैसे समय बीतता गया, जिम्मेदारियाँ बढ़ती गईं और सपनों की उड़ान अधूरी सी लगने लगी।

बारहवीं के बाद राहुल का मन था कि वह शहर जाकर इंजीनियरिंग की पढ़ाई करे, लेकिन घर की आर्थिक स्थिति उसे इजाज़त नहीं दे रही थी। पिता ने ऋण लेकर उसे शहर भेजा, लेकिन वहां की ज़िंदगी अलग ही थी—भीड़, भागदौड़, महंगे किराए और अकेलापन। कई बार वह भूखा सो गया, लेकिन अपने पिता के पसीने की कीमत जानता था, इसलिए हार नहीं मानी। दिन में कॉलेज और रात में होटलों में बर्तन मांजने का काम करता, और बचा हुआ समय पढ़ाई में लगाता। INSPIRATIONAL SHORT STORIES 

दोस्तों की पार्टी, नए कपड़े, मोबाइल—इन सबका सपना भी नहीं देखता था, क्योंकि उसका एक ही सपना था—अपने सपनों की उड़ान को पूरा करना। एक दिन परीक्षा में बैठते समय उसके पास पेन नहीं था, और उसकी बेंच पर बैठा छात्र उसकी हालत देखकर हँसा, लेकिन उसी दिन राहुल ने ठान लिया कि एक दिन वह ऐसा मुकाम हासिल करेगा कि लोग उसकी गरीबी नहीं, उसकी कामयाबी की मिसाल देंगे। साल दर साल मेहनत करता गया, कभी पीछे मुड़कर नहीं देखा।

जब अन्य छात्र छुट्टियों में घर जाते, वह लाइब्रेरी में किताबें पढ़ता। वक्त के साथ उसकी लगन रंग लाई और उसने इंजीनियरिंग की डिग्री टॉप रैंक के साथ पास की। फिर भी राह आसान नहीं थी—कई इंटरव्यू में रिजेक्ट हुआ, चेहरों पर तिरस्कार देखा, लेकिन हर बार गिरकर फिर उठ खड़ा होता। वह जानता था, असली जीत वही है जो मुश्किलों के बाद मिले। आखिरकार एक दिन एक बड़ी मल्टीनेशनल कंपनी ने उसे नौकरी दी। उसके पहले महीने की सैलरी उसके पिता की साल भर की आमदनी से ज्यादा थी।

राहुल ने सबसे पहले अपने गाँव लौटकर अपने पिता को गले लगाया और कहा, “पिताजी, यह आपकी मेहनत की जीत है।” उसने अपने गाँव में एक लाइब्रेरी और कोचिंग सेंटर खोला, ताकि कोई और बच्चा संसाधनों की कमी से अपने सपने अधूरे ना छोड़े। वह कहता था, “हमारी उड़ान कोई छीन नहीं सकता, जब तक हमारे पंख विश्वास और मेहनत से बने हों।” उसकी कहानी हर गाँव, हर कस्बे, हर छोटे घर में रहने वाले उस बच्चे की उम्मीद बन गई, जिसे हालात ने बार-बार गिराया, लेकिन उसने हर बार खुद को उठाया। राहुल की अधूरी उड़ान अब लाखों सपनों को पंख देने लगी थी।

यह कहानी हमें यही सिखाती है कि हालात चाहे जैसे भी हों, अगर इरादा पक्का हो और मेहनत सच्ची हो, तो कोई भी मंज़िल दूर नहीं। जीवन में कभी भी परिस्थितियों को दोष मत दो, बल्कि अपनी सोच और कर्म पर विश्वास रखो, क्योंकि जो सपने देखने की हिम्मत रखते हैं, वही उन्हें साकार करने की ताकत भी रखते हैं।

ईंटों वाला मज़दूर (Motivational Story In Hindi)

एक बार की बात है। एक गरीब मज़दूर था जो निर्माण स्थल पर ईंटें ढोने का काम करता था। रोज़ सुबह सूरज निकलने से पहले काम पर पहुँचता और देर रात तक मेहनत करता। उसका सपना था कि एक दिन उसका अपना घर हो, जहाँ उसकी पत्नी और बच्चे सुकून से रह सकें।

लोग उसका मज़ाक उड़ाते थे –
तू बस ईंटें उठाने लायक ही है, सपने मत देख!

लेकिन वह मज़दूर चुप रहता। रोज़ अपनी मेहनत की कमाई से थोड़ा-थोड़ा पैसा बचाता रहा। सालों बीत गए। कभी बारिश में भीगा, कभी धूप में जला, लेकिन उसका हौसला नहीं टूटा।

एक दिन निर्माण स्थल पर एक बड़ा अधिकारी आया। वह नए प्रोजेक्ट के लिए मज़दूरों से मिला। जब उस मज़दूर से बात की, तो उसकी लगन और ईमानदारी से प्रभावित हुआ। उसी दिन उस अधिकारी ने उसे साइट सुपरवाइज़र बना दिया।

कुछ सालों में, वह मज़दूर खुद एक छोटा ठेकेदार बन गया। और फिर एक दिन — उसने अपने परिवार के लिए एक सुंदर घर बनवाया। वही मज़दूर, जिसका मज़ाक उड़ाया गया था, अब कई लोगों को रोज़गार देता था।

सीख- अगर आपके पास हौसला, मेहनत और धैर्य है, तो कोई भी सपना असंभव नहीं है।
दुनिया भले आपको छोटा समझे, लेकिन आप अपने कर्म से बड़ा बन सकते हैं।


प्रेरणादायक कहानी: “एक नई शुरुआत” Motivational Story In Hindi

एक छोटे से गाँव में एक युवक रहता था — अर्जुन। वह बहुत मेहनती था, लेकिन किस्मत उसकी कभी साथ नहीं देती थी। हर बार जब वह कोई काम शुरू करता, तो या तो नुकसान हो जाता या कोई रुकावट आ जाती।

एक दिन वह बहुत थक चुका था और हार मानने की स्थिति में था। वह पास के जंगल में गया और एक पेड़ के नीचे बैठकर रोने लगा। तभी वहाँ एक बूढ़ा साधु आया। उन्होंने अर्जुन से पूछा, “बेटा, क्यों परेशान हो?”

अर्जुन ने अपनी सारी कहानी उन्हें बता दी। साधु मुस्कराए और बोले, “क्या तुम जानते हो कि बाँस और बबूल के बीज एक साथ बोए गए थे? बबूल कुछ ही हफ्तों में उग आया, लेकिन बाँस को पाँच साल लगे मिट्टी के अंदर तैयार होने में। लेकिन जब वह बाहर निकला, तो कुछ ही महीनों में आसमान छू गया।”

अर्जुन ने आश्चर्य से पूछा, “क्यों?”

साधु ने कहा, “क्योंकि बाँस अपनी जड़ें मजबूत कर रहा था। जीवन भी वैसा ही है। अगर तुम्हारे प्रयासों का फल नहीं मिल रहा, तो समझो कि तुम अंदर से मजबूत हो रहे हो। हार मत मानो, क्योंकि सफलता तब मिलती है जब हम सबसे ज्यादा थक चुके होते हैं — और फिर भी एक और प्रयास करते हैं।”

अर्जुन को समझ आ गया। वह गाँव लौट आया और पूरे आत्मविश्वास के साथ अपने सपनों की ओर फिर से कदम बढ़ाया। कुछ साल बाद, वही अर्जुन एक सफल व्यापारी बन गया और उसने गाँव के कई युवाओं को रोजगार भी दिया।

सीख- मुसीबतें हमारी जड़ों को मजबूत करती हैं। धैर्य रखो, प्रयास करते रहो — सफलता निश्चित है।

कल्पना चावला की कहानी: ( Motivational Short Stories)

हरियाणा की एक छोटी सी जगह से आने वाली कल्पना चावला बचपन से ही अंतरिक्ष में जाने का सपना देखा करती थीं। उनके सपनों को लोगों ने मज़ाक उड़ाया लेकिन उन्होंने कभी हार नहीं मानी। भारत से अमेरिका तक की कठिन यात्रा, पढ़ाई का संघर्ष और चुनौतियों के बावजूद उन्होंने नासा में एस्ट्रोनॉट बनकर इतिहास रच दिया। हालांकि 2003 में कोलंबिया स्पेस शटल हादसे में उनका निधन हो गया, लेकिन उनकी कहानी आज भी लाखों युवाओं को प्रेरणा देती है।

अमिताभ बच्चन की कहानी:
अमिताभ बच्चन को फिल्मों में शुरुआती दौर में कई बार रिजेक्ट किया गया था। उन्हें उनकी आवाज और कद के लिए नकारा गया। जब वे सफल हुए, तब भी उन्हें जिंदगी ने एक बार फिर गिराया — उनकी कंपनी ‘ABCL’ दीवालिया हो गई और वे आर्थिक संकट में आ गए। लेकिन उन्होंने हार नहीं मानी और टीवी पर “कौन बनेगा करोड़पति” से अपनी नई शुरुआत की। आज वे फिर से भारतीय सिनेमा के शिखर पर हैं। उनकी कहानी हमें सिखाती है कि कभी हार मत मानो, सफलता इंतज़ार करती है।

अरिजीत सिंह का संघर्ष भरा सफर बेहद प्रेरणादायक है। वे पश्चिम बंगाल के मुर्शिदाबाद जिले के एक छोटे से शहर से आते हैं। संगीत में रुचि तो बचपन से ही थी, लेकिन उन्हें अपनी पहचान बनाने के लिए काफी संघर्ष करना पड़ा। उन्होंने एक रियलिटी शो “फेम गुरुकुल” में भाग लिया, लेकिन वे जीत नहीं पाए। इसके बाद उन्होंने बैकग्राउंड स्कोर और म्यूजिक प्रोग्रामिंग का काम किया और कई सालों तक पर्दे के पीछे रहकर काम करते रहे।

अरिजीत को पहला बड़ा मौका फिल्म “आशिकी 2” के गाने “तुम ही हो” से मिला, जिसने उन्हें रातोंरात स्टार बना दिया। लेकिन इस सफलता के पीछे कई सालों की मेहनत, अस्वीकृति और संघर्ष छिपे हैं। वे कई बार रिजेक्ट हुए, लेकिन कभी हार नहीं मानी। उनका मानना है कि अगर आप सच्चे दिल से मेहनत करते हैं, तो एक न एक दिन सफलता ज़रूर मिलती है। अरिजीत सिंह आज भी अपनी सादगी और मेहनत से लाखों दिलों पर राज करते हैं।

 

 

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