True Motivational Story In Hindi

                                                       True Motivational Story In Hindi

True Motivational Story in hindi-एक छोटे से गाँव में मीरा नाम की एक लड़की रहती थी। मीरा पढ़ाई में बहुत तेज थी, लेकिन उसके परिवार की आर्थिक स्थिति इतनी अच्छी नहीं थी कि वह आगे पढ़ाई कर सके। मीरा का सपना डॉक्टर बनना था, मगर परिस्थितियाँ उसे निराश करती थीं।एक दिन, खेत पर काम करते समय मीरा एक घायल चिड़िया को पाई। उसने चिड़िया का इलाज किया और उसे स्वस्थ होने में मदद की। चिड़िया ठीक होकर उड़ गई, लेकिन मीरा के दिल में डॉक्टर बनने की इच्छा और भी प्रबल हो गई। बुर्ज खलीफा की ऊंचाई

true motivational story in hindi-  उसने गाँव के स्कूल के प्रिंसिपल से बात की और अपनी परेशानी बताई। प्रिंसिपल मीरा की लगन और मेहनत से बहुत प्रभावित हुए। उन्होंने गाँव के ही कुछ दयालु लोगों से मिलकर मीरा की आगे की पढ़ाई के लिए मदद जुटाई।मीरा को छात्रवृत्ति मिल गई और वह शहर जाकर पढ़ाई करने लगी। उसने दिन-रात मेहनत की और अंततः वह अपने सपने को पूरा करने में सफल रही। वह एक कुशल डॉक्टर बनी और अपने गाँव में ही लोगों का इलाज करने लगी।

true motivational story in hindi- मीरा की कहानी हमें यह सिखाती है कि अगर हमारे मन में कोई लक्ष्य है और हम उसे पाने के लिए मेहनत और लगन से जुटे रहते हैं, तो हमें सफलता जरूर मिलती है। रास्ते में कठिनाइयाँ आ सकती हैं, लेकिन हमें हार नहीं माननी चाहिए।

Inspirational Stories : 2

छोटी सी मोमबत्ती की कहानी (Choti Si Mombatti Ki Kahani)
एक गहरे जंगल में, एक छोटी सी मोमबत्ती रहती थी। उसका सपना था दूर तक रोशनी फैलाना और अंधकार को दूर भगाना। मगर जंगल बहुत घना था और हर तरफ पेड़ों की ऊँची-ऊँची छाया थी।

मोमबत्ती हर रोज जला करती थी, लेकिन उसकी रोशनी सिर्फ उसके आसपास के छोटे से दायरे तक ही सीमित रहती थी। वह निराश होकर सोचती, “मेरी रोशनी इतनी कमजोर है कि किसी के काम नहीं आ सकती।”एक दिन, एक तूफान आया। बारिश तेज हो गई और हवाएँ जोरों से चलने लगीं। जंगल में रहने वाले सारे जीव भयभीत हो गए। एक छोटी सी चिड़िया घायल होकर, पेड़ से गिरकर, मोमबत्ती के पास आ गिरी।चिड़िया डरी हुई थी और उसे ठंड लग रही थी। मोमबत्ती ने उसे अपनी रोशनी में जगह दी और पूछा, “क्या हुआ, तुम ठीक तो हो?”

चिड़िया ने बताया, “तूफान में मेरा घोंसला टूट गया और मैं घायल हो गई। अब रात हो गई है और मुझे अपना रास्ता नहीं दिख रहा।”मोमबत्ती को चिंता हुई, मगर उसने हिम्मत नहीं हारी। उसने कहा, “चिंता मत करो, मैं तुम्हारी मदद करूंगी।”मोमबत्ती अपनी पूरी ताकत से जली और जंगल में जितनी रोशनी फैला सकती थी, फैलाई। चिड़िया ने मोमबत्ती की रोशनी की राह में अपना रास्ता ढूंढ लिया और सुरक्षित रूप से उड़ गई।

दूसरे दिन, सुबह होते ही जंगल के सारे जीव मोमबत्ती के पास इकट्ठे हो गए। उन्होंने मोमबत्ती को धन्यवाद दिया कि उसने तूफान में उनकी मदद की।छोटी सी मोमबत्ती खुशी से भर उठी। उसने महसूस किया कि भले ही उसकी रोशनी कमजोर है, फिर भी वह किसी के काम आ सकती है।

यह कहानी हमें सिखाती है कि हर किसी में, चाहे वह कितना भी छोटा क्यों न हो, दूसरों की मदद करने की क्षमता होती है। हमें कभी भी हार नहीं माननी चाहिए और हमेशा अपनी पूरी कोशिश करनी चाहिए।

True Motivational Story In Hindi : 3

टूटा हुआ घड़ा 
एक गरीब कुम्हार था। वह मिट्टी के बर्तन बनाता था। एक दिन, वह बाज़ार में अपने बर्तन बेचने गया। उसने मिट्टी के घड़े, गमले, और दीये सजाए रखे। अचानक, एक छोटा लड़का दौड़ता हुआ आया और उसके सारे बर्तन गिरा दिए। ज़्यादातर बर्तन टूट गए, सिवाय एक छोटे से घड़े के, जिसमें एक दरार आ गई थी।

कुम्हार बहुत गुस्से में आया, लेकिन लड़के को डांटने के बजाय, उसने उसे पकड़ लिया और कहा, “बेटा, तुमने मेहनत से बनाए गए इन बर्तनों को तोड़ दिया है। अब तुम्हें इन्हें बेचना होगा।”

लड़का डर गया और माफी मांगने लगा। कुम्हार ने माफी स्वीकार नहीं की और उसे बाज़ार में घड़ा बेचने के लिए भेज दिया।लड़का घड़ा लेकर घूमता रहा, लेकिन कोई भी उसे नहीं खरीदना चाहता था। आखिरकार, थक हारकर वह एक नदी के पास जा बैठा। उसने सोचा, “कोई नहीं खरीदेगा, तो इसे नदी में ही फेंक दूं।”लेकिन तभी उसे एक विचार आया। उसने घड़े में से दरार वाली जगह से पानी बहने दिया। बहते पानी ने एक सुरीली धुन बनाई। लोग इकट्ठा हो गए और उस अनोखी धुन को सुनकर मंत्रमुग्ध हो गए।

लड़के ने उस धुन को और भी मधुर बनाने के लिए घड़े को अलग-अलग दिशाओं में घुमाया। लोगों ने उसे इतना अच्छा बजाते देख, घड़ा खरीद लिया।इस कहानी से सीख मिलती है कि हर चीज़ में, चाहे वह टूटा हुआ घड़ा हो या कोई मुश्किल परिस्थिति, अच्छाई खोजी जा सकती है। दृष्टिकोण बदलने से असफलता भी सफलता में बदल सकती है।

Inspirational Books : 4

पहाड़ों की तरह ऊंचे सपने (Dreams as High as the Mountains)
हिमालय की तलहटी में स्थित एक छोटे से गाँव में रहता था राहुल, एक साधारण सा लड़का। उसके माता-पिता किसान थे और राहुल भी बचपन से ही  हंसने का विषय बना दिया।उनकी खेतों में मदद करता था। गाँव के स्कूल में पढ़ाई के दौरान ही राहुल के मन में एक सपना जगा – महान वैज्ञानिक बनने का। गाँव के लोगों ने उसके सपने को

“वैज्ञानिक? हमारे गाँव से वैज्ञानिक निकलेगा? तू जमीन से जुड़ा रह, सपनों में मत खो जा!” ये सुनकर राहुल को बुरा लगता, पर वह चुपचाप सब सुनता रहता। शाम को जब खेतों में अकेला होता, तो दूर पहाड़ों को निहारता और मन ही मन सोचता, “ये पहाड़ कितने ऊंचे हैं, मगर पत्थर ही तो हैं! मेरे सपने भी उतने ही ऊंचे होंगे, चाहे कितनी भी मुश्किलें आएं, मैं हार नहीं मानूंगा!”

स्कूल खत्म होते ही राहुल शाम को पुस्तकालय जाता। वहां घंटों बिताकर वह विज्ञान की किताबें पढ़ता, तस्वीरें देखता और नोट्स बनाता। जितना समय मिलता, उतना सीखने में लगा देता। रात में, मिट्टी के तेल के दीये की रोशनी में वह पुस्तकों से ज्ञान प्राप्त करता। उसके जुनून को देखकर, पुस्तकालय के अध्यापक भी उसकी मदद करते।

कुछ सालों बाद गाँव में कॉलेज खुल गया। राहुल ने वहां दाखिला लिया और विज्ञान विषय चुना। कॉलेज में भी उसे बहुत संघर्ष करना पड़ा। गरीबी के कारण उसके पास अच्छे कपड़े या महंगे उपकरण नहीं थे। पर राहुल ने हार नहीं मानी। वह पुस्तकालय से किताबें लाकर पढ़ता और प्रयोगों को समझने की कोशिश करता। उसके जुनून को देखकर कुछ सहपाठी उसकी मदद करते।

कॉलेज खत्म करने के बाद राहुल शहर गया। वहां विज्ञान के क्षेत्र में नामी संस्थान में दाखिला लेने के लिए उसने कड़ी मेहनत की। अंतत: उसे दाखिला मिल गया। संस्थान में पढ़ाई के दौरान भी राहुल ने दिन-रात एक कर दिया। कई रातें भूखे रहकर भी उसने पढ़ाई जारी रखी। कई बार निराशा हुई, कई बार प्रयोग असफल हुए, पर वह हर बार और मजबूत होकर उठ खड़ा होता।

कई सालों की मेहनत के बाद आखिरकार राहुल अपने क्षेत्र में एक सफल वैज्ञानिक बन गया। उसके शोधपत्रों ने पूरे विश्व में ख्याति प्राप्त की। जब वह अपने गाँव वापस आया, तो वही लोग जो कभी उसका मजाक उड़ाते थे, अब उसकी सफलता पर गर्व कर रहे थे।

राहुल की कहानी हमें यह सीख देती है कि सपने कितने भी ऊंचे हों, अगर उनके लिए निरंतर प्रयास किया जाए, तो उन्हें ज़रूर हासिल किया जा सकता है। राहुल की तरह, हमें भी अपने सपनों को हासिल करने के लिए कठिन परिश्रम करना चाहिए और कभी हार नहीं माननी चाहिए। पहाड़ों की तरह हमारे सपने भी ऊंचे हो सकते हैं, और उन्हें छूने की शक्ति भी हमारे अंदर ही है।

Motivational Short Stories : 5

एक छोटे से गाँव में रहने वाली अंजली नाम की एक लड़की थी। पढ़ाई में तेज होने के बावजूद, वह अक्सर हतोत्साहित हो जाती थी। परीक्षाओं में अच्छे अंक लाने के लिए वह बहुत मेहनत करती थी, लेकिन कभी-कभी परिणाम उसकी उम्मीदों के अनुरूप नहीं आते थे। एक दिन, जब वह उदास होकर बैठी थी, तो उसकी दादी उसके पास आईं। दादी ने अंजली को उदास देखकर पूछा, “क्या हुआ बेटा, इतनी उदास क्यों हो?”अंजली ने अपनी सारी परेशानी दादी को बता दी। दादी ने धीरे से कहा, “बेटा, सफलता एक पेड़ के समान होती है। उसे फल आने में समय लगता है। यह सिर्फ मेहनत करने से ही नहीं, बल्कि लगातार प्रयास करने और कभी हार न मानने से भी आती है।”

दादी ने अंजली को एक छोटा सा पौधा दिखाया, जो उनकी खिड़की के पास रखा था। “देखो, यह पौधा कितना छोटा है। इसे बढ़ने के लिए हर रोज धूप, पानी और देखभाल की जरूरत होती है। ठीक उसी तरह, तुम्हें भी अपने लक्ष्य को पाने के लिए हर रोज मेहनत करनी होगी, सीखना होगा और गलतियों से भी सबक लेना होगा।”अंजली को दादी की बातें समझ में आ गईं। उसने ठान लिया कि वह हार नहीं मानेगी और अपने लक्ष्य को पाने के लिए लगातार प्रयास करती रहेगी। उसने अपनी पढ़ाई में फिर से जोर लगा दिया। वह अपनी गलतियों से सीखती रही और नये तरीके खोजती रही। धीरे-धीरे, उसके अंक बेहतर होने लगे और उसका आत्मविश्वास भी बढ़ गया।

कुछ साल बाद, अंजली ने अपनी मेहनत और लगन से अपनी पढ़ाई पूरी की और अपने सपनों को पूरा करने के लिए आगे बढ़ी। वह हमेशा याद रखती थी कि सफलता के लिए छोटे-छोटे कदम और निरंतर प्रयास जरूरी होते हैं।

यह कहानी हमें सिखाती है कि सफलता पाने के लिए कभी हार नहीं माननी चाहिए। हर चुनौती से सीखना चाहिए और लगातार प्रयास करते रहना चाहिए। ठीक उसी तरह, जैसे एक छोटा सा पौधा धीरे-धीरे एक बड़ा पेड़ बन जाता है, वैसे ही हम भी अपने लक्ष्य को धीरे-धीरे लेकिन निरंतर प्रयासों से प्राप्त कर सकते हैं।

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