Union Budget 2025
Union budget 2025 का केंद्रीय बजट वित्त मंत्री द्वारा संसद में प्रस्तुत किया गया, जो देश की आर्थिक दिशा और विकास की राह तय करने वाला महत्वपूर्ण दस्तावेज है। इस वर्ष के बजट में सरकार ने इंफ्रास्ट्रक्चर, ग्रीन एनर्जी, डिजिटल इंडिया, और कृषि क्षेत्र पर विशेष ध्यान दिया है। मध्यम वर्ग के लिए टैक्स में कुछ राहत दी गई है, जबकि स्टार्टअप्स और MSMEs को बढ़ावा देने के लिए नई योजनाएं लागू की गई हैं। स्वास्थ्य और शिक्षा के क्षेत्र में भी बजट आवंटन में वृद्धि की गई है, जिससे सामाजिक ढांचे को मजबूती मिलेगी। हालांकि कुछ वर्गों का मानना है कि महंगाई और बेरोजगारी पर बजट में ठोस उपायों की कमी है। कुल मिलाकर, यह बजट विकासोन्मुख तो है, लेकिन आम आदमी की जेब पर इसका प्रभाव आने वाले महीनों में ही स्पष्ट होगा। देखे भारतीय संविधान में धारा 370 जम्मू कश्मीर
2025 Union Budget Of India
Union budget 2025 का भारत का केंद्रीय बजट एक दूरदर्शी और समावेशी दृष्टिकोण के साथ प्रस्तुत किया गया है। इस बजट में सरकार ने विकास और सामाजिक न्याय के बीच संतुलन साधने की कोशिश की है। इंफ्रास्ट्रक्चर, स्वास्थ्य, शिक्षा और डिजिटल इंडिया को प्राथमिकता देते हुए कई अहम घोषणाएं की गई हैं। ग्रामीण क्षेत्रों में रोजगार सृजन, किसानों की आय में वृद्धि और युवाओं के लिए स्टार्टअप्स को बढ़ावा देने की दिशा में विशेष प्रयास किए गए हैं। साथ ही, टैक्स ढांचे में कुछ बदलाव कर मध्यम वर्ग को राहत देने की कोशिश की गई है। यह बजट ‘विकसित भारत’ की ओर एक मजबूत कदम माना जा रहा है, जिसमें आर्थिक सुधार और समावेशी विकास दोनों का समावेश है।
Union Budget 2024-25 In Hindi
- Union budget 2024-25 को वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने 23 जुलाई 2024 को संसद में प्रस्तुत किया। यह बजट भारत की 18वीं लोकसभा का पहला पूर्ण बजट था, जिसमें सरकार ने ‘गरीब’, ‘महिला’, ‘युवा’ और ‘किसान’ के हितों को केंद्र में रखते हुए समावेशी विकास की दिशा में कई महत्वपूर्ण घोषणाएँ कीं।
- बजट का आकार और राजकोषीय स्थिति
वित्त वर्ष 2024-25 के लिए कुल व्यय ₹48.21 लाख करोड़ और कुल प्राप्तियाँ ₹32.07 लाख करोड़ अनुमानित हैं। शुद्ध कर प्राप्तियाँ ₹25.83 लाख करोड़ रहने की संभावना है। राजकोषीय घाटा सकल घरेलू उत्पाद (GDP) का 4.9% रहने का अनुमान है, जिसे अगले वर्ष 4.5% से नीचे लाने का लक्ष्य रखा गया है । - रोजगार और कौशल विकास
सरकार ने अगले पांच वर्षों में 20 लाख युवाओं को कौशल प्रशिक्षण देने और 1,000 औद्योगिक प्रशिक्षण संस्थानों को उन्नत करने की योजना बनाई है। इसके लिए ₹2 लाख करोड़ का प्रावधान किया गया है। इसके अतिरिक्त, मॉडल कौशल ऋण योजना को संशोधित कर ₹7.5 लाख तक के ऋण की सुविधा दी जाएगी, जिससे हर वर्ष 25,000 छात्रों को लाभ मिलने की उम्मीद है । - कृषि और ग्रामीण विकास
कृषि क्षेत्र के लिए ₹1.52 लाख करोड़ का आवंटन किया गया है। सरकार 109 नई उच्च उपज वाली फसल किस्में जारी करेगी और 1 करोड़ किसानों के बीच प्राकृतिक कृषि को बढ़ावा देगी। इसके अलावा, 10,000 जैव-इनपुट केंद्र स्थापित किए जाएंगे। ग्रामीण विकास के लिए ₹2.66 लाख करोड़ का प्रावधान किया गया है । - शहरी विकास और आवास
प्रधानमंत्री आवास योजना (शहरी) के तहत 1 करोड़ शहरी गरीब और मध्यम वर्गीय परिवारों के लिए आवास आवश्यकताओं को पूरा करने हेतु ₹2.2 लाख करोड़ की केंद्रीय सहायता प्रदान की जाएगी। इसके अलावा, 100 बड़े शहरों में जलापूर्ति, सीवेज उपचार और ठोस अपशिष्ट प्रबंधन को बढ़ावा देने के लिए राज्य सरकारों के साथ सहयोग किया जाएगा । - ऊर्जा सुरक्षा
प्रधानमंत्री सूर्य घर मुफ्त बिजली योजना के तहत 1 करोड़ घरों को हर महीने 300 यूनिट तक मुफ्त बिजली देने के लिए छतों पर सौर ऊर्जा संयंत्र लगाए जाएंगे। इसके अलावा, परमाणु ऊर्जा को भारत के ऊर्जा मिश्रण का महत्वपूर्ण हिस्सा बनाने पर जोर दिया गया है । - नवाचार और अनुसंधान
सरकार ने राष्ट्रीय अनुसंधान कोष की स्थापना की घोषणा की है, जिसमें वाणिज्यिक स्तर पर निजी क्षेत्र द्वारा संचालित अनुसंधान और नवाचार को बढ़ावा देने के लिए ₹1 लाख करोड़ का प्रावधान किया गया है। इसके अलावा, अंतरिक्ष अर्थव्यवस्था को अगले दशक में पाँच गुना बढ़ाने के लिए ₹1,000 करोड़ का उद्यम पूंजी कोष स्थापित किया जाएगा । - कर सुधार
नए टैक्स रिजीम में स्टैंडर्ड डिडक्शन की सीमा ₹50,000 से बढ़ाकर ₹75,000 कर दी गई है। पेंशनभोगियों के लिए पारिवारिक पेंशन पर कटौती ₹15,000 से बढ़ाकर ₹25,000 कर दी गई है। इसके अलावा, विदेशी कंपनियों पर कॉरपोरेट कर की दर 40% से घटाकर 35% करने का प्रस्ताव है । - सामाजिक न्याय और समावेशी विकास
सरकार ने प्रधानमंत्री जनजातीय उन्नत ग्राम अभियान शुरू करने की घोषणा की है, जिसके तहत आदिवासी बहुल क्षेत्रों और आकांक्षी जिलों के 63,000 गाँवों को शामिल किया जाएगा, जिससे लगभग 5 करोड़ आदिवासियों को लाभ मिलेगा। इसके अलावा, पूर्वोत्तर क्षेत्र में इंडिया पोस्ट पेमेंट बैंक की 100 से अधिक शाखाएँ स्थापित की जाएँगी
Union Budget 2025 Highlights
भारत सरकार द्वारा प्रस्तुत union budget 2025 का आर्थिक विकास, समावेशिता और नवाचार को प्रोत्साहित करने वाला बजट रहा। इस बजट में इंफ्रास्ट्रक्चर, शिक्षा, स्वास्थ्य और डिजिटल इंडिया को विशेष प्राथमिकता दी गई। किसानों के लिए सब्सिडी में बढ़ोतरी, कृषि तकनीक को बढ़ावा देने वाले कदम, और ग्रामीण क्षेत्रों में विकास योजनाओं को गति देने की घोषणा की गई। मध्यम वर्ग को टैक्स में राहत देने की उम्मीद के अनुरूप कुछ स्लैब्स में बदलाव किए गए। साथ ही, स्टार्टअप्स और MSME के लिए नई योजनाओं और फंडिंग सहायता की घोषणा हुई, जिससे उद्यमिता को बल मिलेगा। ग्रीन एनर्जी, इलेक्ट्रिक व्हीकल्स और जलवायु परिवर्तन से निपटने के लिए भी बजट में ठोस प्रावधान किए गए। कुल मिलाकर, यह union budget 2025 आत्मनिर्भर भारत की ओर एक मजबूत कदम माना जा रहा है।
Union Budget 2025-26 Summary
Union budget 2025-26 का उद्देश्य ‘सबका विकास’ के सिद्धांत पर आधारित है, जो भारत को एक विकसित राष्ट्र बनाने की दिशा में अग्रसर करता है।
इस बजट में चार प्रमुख विकास इंजन—कृषि, एमएसएमई, निवेश और निर्यात—पर विशेष ध्यान दिया गया है।
कृषि क्षेत्र में, ‘प्रधानमंत्री धन-धान्य कृषि योजना’ के तहत 100 कम उत्पादकता वाले जिलों को शामिल किया गया है, जिससे 1.7 करोड़ किसान लाभान्वित होंगे। किसान क्रेडिट कार्ड की सीमा ₹3 लाख से बढ़ाकर ₹5 लाख कर दी गई है, और दलहन में आत्मनिर्भरता के लिए छह वर्षीय मिशन की शुरुआत की गई है।
एमएसएमई क्षेत्र में, निवेश और कारोबार की सीमाओं को क्रमशः 2.5 गुना और 2 गुना तक बढ़ाया गया है। सूक्ष्म उद्यमों के लिए ₹5 लाख की सीमा वाले क्रेडिट कार्ड की सुविधा दी गई है, और ‘मेक इन इंडिया’ को बढ़ावा देने के लिए राष्ट्रीय विनिर्माण मिशन की स्थापना की गई है।
निवेश के क्षेत्र में, शहरी विकास के लिए ₹1 लाख करोड़ की ‘शहरी चुनौती निधि’ की स्थापना की गई है। जल जीवन मिशन का बजटीय परिव्यय बढ़ाकर ₹67,000 करोड़ किया गया है, और परमाणु ऊर्जा के लिए 20,000 करोड़ रुपये का परिव्यय प्रस्तावित किया गया है।
निर्यात को बढ़ावा देने के लिए, ‘भारत ट्रेडनेट’ नामक डिजिटल प्लेटफॉर्म की स्थापना की गई है, जो अंतर्राष्ट्रीय व्यापार दस्तावेजीकरण और वित्तपोषण समाधान प्रदान करेगा। इसके अलावा, वैश्विक क्षमता केंद्रों के लिए राष्ट्रीय ढांचा प्रस्तावित किया गया है।
कर प्रणाली में सुधार करते हुए, नई कर व्यवस्था के तहत ₹12 लाख तक की वार्षिक आय पर कोई आयकर नहीं लगाया गया है। रेंट पर टीडीएस की सीमा ₹2.4 लाख से बढ़ाकर ₹6 लाख कर दी गई है, और अद्यतन कर रिटर्न की समय सीमा 2 वर्ष से बढ़ाकर 4 वर्ष कर दी गई है।
सामाजिक कल्याण के क्षेत्र में, पीएम स्वनिधि योजना के तहत स्ट्रीट वेंडर्स के लिए ₹30,000 की सीमा वाले UPI-लिंक्ड क्रेडिट कार्ड की सुविधा दी गई है। गिग वर्कर्स के लिए ई-श्रम पोर्टल पर पंजीकरण की सुविधा प्रदान की गई है, और सरकारी स्कूलों में अगले पाँच वर्षों में 50,000 अटल टिंकरिंग लैब स्थापित की जाएंगी।
कुल मिलाकर, यह union budget 2025 समावेशी विकास, आर्थिक सुधार और सामाजिक कल्याण के माध्यम से भारत को एक विकसित राष्ट्र बनाने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है।
Union Budget 2025 Date
Union budget 2025-26 को वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने 1 फरवरी 2025 को संसद में प्रस्तुत किया। इस बजट का उद्देश्य समावेशी विकास को बढ़ावा देना, मध्यम वर्ग की क्रय शक्ति को सुदृढ़ करना, और कृषि, MSME, निवेश, एवं निर्यात जैसे चार प्रमुख क्षेत्रों पर ध्यान केंद्रित करना है।
- 🧾 प्रमुख घोषणाएँ
1. आयकर में राहत
नई कर व्यवस्था के तहत 12 लाख रुपये तक की वार्षिक आय पर कोई आयकर नहीं।
अधिकतम कर दर 30% उन आय पर लागू होगी जो 24 लाख रुपये से अधिक हैं। - 2. कृषि क्षेत्र
“प्रधानमंत्री धन-धान्य कृषि योजना” के तहत 100 जिलों में कृषि उत्पादकता बढ़ाने के लिए पहल।
दालों में आत्मनिर्भरता के लिए छह वर्षीय अभियान की शुरुआत।
किसान क्रेडिट कार्ड की सीमा 3 लाख से बढ़ाकर 5 लाख रुपये की गई। - 3. MSME और स्टार्टअप्स
- MSME के लिए ऋण गारंटी कवर 5 करोड़ से बढ़ाकर 10 करोड़ रुपये किया गया।
स्टार्टअप्स के लिए 10,000 करोड़ रुपये का “फंड ऑफ फंड्स” स्थापित किया जाएगा। - 4. निवेश और बुनियादी ढांचा
- “शहरी चुनौती निधि” के तहत ₹1 लाख करोड़ का आवंटन।
“जल जीवन मिशन” के लिए कुल बजट परिव्यय ₹67,000 करोड़ किया गया।
“समुद्री विकास निधि” के लिए ₹25,000 करोड़ का कोष स्थापित किया जाएगा। - 5. निर्यात संवर्द्धन
“निर्यात संवर्द्धन मिशन” की शुरुआत।
“भारतट्रेडनेट (BTN)” नामक एकीकृत डिजिटल प्लेटफॉर्म की स्थापना।
निष्कर्ष
Union budget 2025 एक समावेशी और विकासोन्मुखी बजट है, जिसमें सरकार ने सभी वर्गों के हितों को ध्यान में रखते हुए विभिन्न क्षेत्रों में महत्वपूर्ण घोषणाएँ की हैं। यह बजट भारत को आत्मनिर्भर और विकसित राष्ट्र बनाने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है।